Thursday, May 14, 2015

मुझे नाज़ है तू नसीब है

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मुझे नाज़ है तू नसीब है,
मेरी ज़िन्दगी के करीब है |

तुझे इतनी भी तो खबर नहीं,
मेरा इश्क तुझसे अजीब है |

मैं तो छोड़ दूं ये जहां अगर,
कोई ओर तेरा हबीब है |

तिरे गम से गर मैं जुदा हुआ,
न तू ये समझना नसीब है |

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मेरा दिल बहुत है उदास अब, ,
ज्यूँ हो सर पे मेरे सलीब है |

हर्ष महाजन


122 122 1212

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