Saturday, August 20, 2016

न जाने कैसा होता है बता बरसात का मौसम





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न जाने कैसा होता है बता बरसात का मौसम,
कभी गर्मी कभी उम्मस कहा बरसात का मौसम |

हुआ जाता हूँ घायल जब भी आऊँ उसके कूचे में,
यही होता है क्या मुझको बता बरसात का मौसम |

यूँ सावन के महीने में जुदा होकर चले जाना,
कहे ये आँख का पानी हुआ बरसात का मौसम |

कभी मैं टूटकर उस पर घटाओं सी कड़कता था,
तो अक्सर उसकी आखों में दिखा बरसात का मौसम |

जुदाई में यूँ तडपा हूँ कि दिल की आग कहती है,
घटाओ खूब बरसो, हो चला, बरसात का मौसम |

हर्ष महाजन

बहरे हज़ज़ मुसमन सालिम
1222-1222-1222-1222

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